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झूमर । Jhoomar । पँवरिया नाच भोजपुरी लोक नृत्य (Bhojpuri Cultral dance) Champaran
  • Rating 10
  • 05:51 mins
  • 2019
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आज एक ओरी #भोजपुरी मनोरंजन में फूहड़ता आ अश्लीलता बढ़ गईल बा जवन दुख के कारण बा, एकरो से दुखी करे वाला बात भोजपुरी के आपन लोक कला जवन लगातार विलुप्त हो रहल बा , पुरुआ के प्रयास रहेला सार्थक मनोरंजन के सङ्गे आपन पुरान लोककला जवन कबो विख्यात रहे आ जवन आज के दिखावटी माहौल में समाप्त हो चलल... वो लोककला के संजो के राखल , ओकरा के भोजपुरिया समाज के सोझा ले आवल आ ओहु से बेसी गैर भोजपुरिया समाज के बतावल की हमनी के सँस्कृति ई ह, उ ना जवन आज कुछ लो फूहर आ देह उघार मनोरंजन परोस के आपन परिचय (फूहर कलाकार के उहे परिचय ह) के सम्पूर्ण भोजपुरिया जन मानस के परिचय बना के रखले बा.. ओही क्रम में आज प्रस्तुत बा #पँवरिया नृत्य जवन कबो #भोजपुरिया मनोरंजन के शान कहात रहे आ आज जवन गुमनामी के करिया रात में लुकाइल जाता... रउआ पहिले ई लोक नृत्य देखीं आ फिर कमेंट बॉक्स में आपन प्रतिक्रिया दिहीं...

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हुड़का Hudka (Bhojpuri Folk Dance) भोजपुरी लोक नृत्य
  • Rating 10
  • 05:15 mins
  • 2019
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भोजपुरी नाच के विलुप्त होखे के कगार पर खड़ा एगो आउर विधा के नाम ह 'हुड़का'। चम्पारण महोत्सव में एह कला के संजोवे के प्रयास भइल। रउवा सभे भी देखीं आ दोसरो के देखा के एह कला के जीवित रखे में योगदान दीहीं।

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ठकरा, भोजपुरी लोक नृत्य (Thakra, Bihar Cultural Dance)
  • Rating 10
  • 16:33 mins
  • 2019
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अंचल के अति प्राचीन बाकिर अब लगभग विलुप्त हो चुकल भोजपुरिया लोककला। ठकरा, डांडिया से मिलत-जुलत लेकिन ओह से ज्यादा आकर्षक,आ ओकर नकल ना ह, ई हो सकता कि "डांडिया" "ठकरा" के नकल होखे ।"ठकरा" भोजपुरिया लोकनृत्य अपने भोजपुरिये लोग से उपेक्षित होके विलुप्ति के कगार पर बा। पुरुआ के प्रयास से कुछ गांवन में बचल एका-दुका "ठकरईता"(ठकरा कलाकार) लोग के साथे नया पीढ़ी के लोग के सिख -सीखा के "चंपारण भोजपुरिया लोकउत्सव के मंच से भएल ठकरा प्रस्तुति रउआ लोग के सोझा बा।अच्छा लागे त जरूर एके शेयर क के आपन लोक कला के विलुप्त होखे से बचा के बढिया पहचान दिआवे में आपन बहुमूल्य योगदान दीं।

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झिझिया (Jhijhiya)
  • Rating 10
  • 03:36 mins
  • 2023
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दुर्गा पूजा के सुनहरे अवसर पे अमित कुंवर जी की तरफ से "झिझिया" मैथिली लोक नृत्य की प्रस्तुति। (On the golden occasion of Durga Puja, Amit Kunwar ji presented "Jhijhiya" Maithili folk dance)

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कहवाँ के दीयवा आ कहवाँ के बाती (Kanhwa ke Diyawa aa Kanhwa ke Baati)
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  • 03:28 mins
  • 2023
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कहवाँ के दीयवा आ कहवाँ के बाती, भोजपुरी लोकगीत पे भाव नृत्य की प्रस्तुति, अमित कुंवर जी के बिहारी लोक नृत्य अंदाज में। Presentation of Bhaav Dance on Bhojpuri folk song, in Bihari folk dance style of Amit Kunwar ji

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ये जमीं रुक जाए (Yeh Zameen Ruk Jaay)
  • Rating 10
  • 3:45 mins
  • 2023
  • all age

जो व्यक्ति नृत्य के माध्यम से स्वयं को अभिव्यक्त करता है वह नर्तक है। जो व्यक्ति नर्तक के माध्यम से स्वयं को अभिव्यक्त करता है वह नृत्य शिक्षक होता है। नृत्य शब्दों से परे एक ऐसी भाषा है, जो उसे व्यक्त करती है जिसके लिए हमारे पास शब्द नहीं हैं। A person who expresses himself through dance is a dancer. The person who expresses himself through the dancer is a dance teacher. Dance is a language beyond words, which expresses that for which we do not have words.

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